Friday, January 31, 2014

ट्रैफिक सिग्नल

सिग्नल ने रंग बदला और लाल हो गया | उसके सामने भागती-दौड़ती गाड़ियाँ एक-एक कर रूकती चली गयी | गाड़ियों के रुकते ही फेरीवालों का झुंड सलामती, दुआ के ओफर के साथ किस्म किस्म के सामान बेचने की जुगत में गाड़ियों के पास भिनभिनाने लगे | इसी रेलपेल में एक तेरह-चौदह साल की लड़की एक कार वाले साहब से गुलदस्ता ले लेने की मिन्नत कर रही थी | उस कार वाले साहब ने एक नजर उस लड़की पर डाली | मन में कई भावों ने रंग बदले | उसने एक गुलदस्ता खरीद लिया | लड़की पैसे लेने लिए जैसे थोड़ी झुकी कि उसने लपककर उसके छोटी, उभरती छाती को दबा दिया | लड़की अचकचाकर पीछे हट गयी | सिग्नल ने फिर रंग बदला | वह हरा हो गया | साहब मुस्कुराते , हॉर्न बजाते हुए आगे बढ़ गये , कुछ अपने साथ घसीटते हुए, कुछ वहीँ छोड़कर ...........|