Sunday, December 8, 2013

आम आदमी पार्टी का उदय : राजनीति में नये युग का आगाज

 लोकतंत्र की असली शक्ति 'जनादेश' है | एक लोक प्रसिद्ध जुमला है कि 'जनता है सब जानती है' | जनता सब समझती है और माकूल समय आने पर सत्ता को अपनी हैसियत भी समझा देती है | दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम में यह चरितार्थ होता दिखा है | दिल्ली विधानसभा का चुनाव परिणाम सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाला आया है | यहाँ सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी बुरी तरह चुनाव हारी है तो भाजपा बस ललचती ही रह गयी | सबसे बड़ा और अप्रत्याशित फायदा नयी पार्टी 'आम आदमी पार्टी' को मिला  है | उसे आम आदमी का अपार जनसमर्थन मिला और वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है | आम आदमी पार्टी की जीत कई मायने में खास और शोध का विषय बन गयी है | सबसे बड़ी बात यह है कि क्योंकर जनता ने फकत ग्यारह माह पुरानी पार्टी को भाजपा और कांग्रेस पर तरजीह दी | आम आदमी पार्टी (आप) का उभार इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोग मुख्य पार्टियों के राजनीति से तंग आ चुके हैं और विकल्प दूंढ रहे हैं | जनता राजनीति में भ्रष्टाचार के गजालत से उब  चुकी है | राजनीति आम जन की नज़रों में कुटिलता का पर्याय बन गया है | अक्सर किसी के कुटिल व्यवहार या फूट डालने की प्रवृति की यह कहकर निंदा की जाती है कि राजनीति मत करो | यह कितनी दुखद बात  है कि जो नीति देश के विकास  और स्थिरता के लिये सबसे जरूरी है उसी के बारे में आम लोगों की ऐसी  राय बन गयी  है |
                                                              आप ने  राजनीति में प्रवेश इसी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर किया | महंगाई , भ्रष्टाचार , राजनेताओं के अहंभाव से जनता बेचैन थी और  विकल्प के तलाश में थी | इसी निराशा और कुंठा के माहौल में  अरविन्द केजरीवाल और आप एक  उम्मीद बन कर उभरे | उसे एक नया नायक मिला जो केवल राजनीति की गंदगी की बात नहीं करता था बल्कि झाड़ू लेकर उसे साफ़ करने के लिए उतर भी गया |  उसके इस हौंसले से जनता का हौंसला बढ़ा | कांग्रेस और भाजपा पहले ही अपना भरोसा खो चुके थे | आप के रूप में विकल्प नया तो था लेकिन ईमानदारी और उत्साह से लबरेज था | उसका यह उत्साह और दीवानगी सभी तबके के लोगों को छू गयी | दोनों बड़ी पार्टियाँ अपने -अपने फैक्टर की बात करते रहे और जनता ने अपना मन बना लिया कि उसे इस बार किसे चुनना है | यहाँ न 'मोदी फैक्टर ' प्रभावी हुआ और न 'राहुल का जादू ' चला | जनता ने बता दिया कि वे किसी लहर पर सवार हो कर नही अपितु काम-काज के आधार पर अपना प्रतिनिधि चुनती है | व्यक्ति विशेष की बात करने वाली पार्टियों के लिये यह एक सन्देश है कि वे किसी मुगालते में न रहे हैं कि कोई आएगा औए जनता सम्मोहित हो जाएगी |
हर आकलन को झुठलाते हुए जनता ने भ्रष्टाचार को 'न' कह  दिया है | हालाँकि आम आदमी पार्टी बहुमत से दूर रह गयी और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है | फिर भी जिस तरह से 'आप' को जनता का समर्थन मिला है , वह राजनीति में एक नए युग का आगाज है | जनता ने एक बार भी साबित कर दिया है कि वोट केवल काम के आधार पर मिलता है , ताम-झाम के आधार पर नहीं | आने वाले समय में आम आदमी पार्टी के उदय की अनुगूँज केवल दिल्ली तक ही नही रहेगी , समूचे देश में गूंजेगी |

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